CONTENTS

    'मांगलिक दोष क्या है और इसके कारण क्या हैं? मांगलिक दोष दूर करने के 10 सबसे अचूक उपाय'

    avatar
    Ak Mishra
    ·August 10, 2025
    ·21 min read
    '
                style=

    आप अक्सर सोचते होंगे कि मांगलिक दोष क्यों बनता है और इसका आपके जीवन पर क्या असर पड़ता है। जब कुंडली में मंगल ग्रह विशेष स्थान पर होता है, तब ज्योतिष इसे मांगलिक दोष मानता है। यह दोष आपके वैवाहिक जीवन, स्वभाव और सुख-शांति को प्रभावित कर सकता है। मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए पूजा और सही उपाय बहुत जरूरी हैं। सही जानकारी से आप समाधान पा सकते हैं।

    मांगलिक दोष: परिचय

    परिभाषा

    आप जब अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाते हैं, तो मांगलिक दोष का नाम जरूर सुनते हैं। यह दोष तब बनता है जब आपकी जन्मकुंडली में मंगल ग्रह विशेष भावों में स्थित होता है।
    आइए, इसे आसान भाषा में समझें:

    1. मांगलिक दोष तब बनता है जब कुंडली में मंगल ग्रह लग्न, चंद्रमा या शुक्र से प्रथम, द्वितीय, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में स्थित होता है।

    2. यह दोष मुख्य रूप से वैवाहिक जीवन को प्रभावित करता है, जैसे विवाह में देरी, कलह या असंतुलन।

    3. मांगलिक दोष के कारण आपको विवाह में विलंब या उपयुक्त जीवनसाथी मिलने में कठिनाई हो सकती है।

    4. इसके प्रभाव केवल विवाह तक सीमित नहीं रहते, बल्कि करियर, स्वास्थ्य और वित्तीय स्थिरता पर भी असर डाल सकते हैं।

    5. कुंडली में मंगल की स्थिति का अध्ययन करना जरूरी है ताकि आप इसके प्रभाव को समझ सकें।

    6. मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए वैदिक उपाय, दान या विशेष विवाह की सलाह दी जाती है।

    अन्य नाम

    आप मांगलिक दोष को अलग-अलग नामों से भी जानते हैं। नीचे दी गई तालिका में आप इसके प्रचलित नाम देख सकते हैं:

    नाम

    विवरण

    मंगल दोष

    सबसे सामान्य नाम

    कुज दोष

    दक्षिण भारत में प्रचलित

    भौम दोष

    संस्कृत में प्रयुक्त

    ज्योतिष में महत्व

    आप जब वैदिक ज्योतिष की गहराई में जाते हैं, तो मांगलिक दोष का महत्व और स्पष्ट हो जाता है। यह दोष विवाह के लिए कुंडली मिलान में सबसे पहले देखा जाता है। अगर आपकी कुंडली में यह दोष है, तो आपको विवाह संबंधी निर्णय सोच-समझकर लेने चाहिए। मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए कई उपाय उपलब्ध हैं, जिनका पालन करके आप अपने जीवन में संतुलन ला सकते हैं।

    मांगलिक दोष केवल एक ज्योतिषीय स्थिति है, यह आपके जीवन की दिशा को पूरी तरह से तय नहीं करता। सही जानकारी और उपायों से आप इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।

    मांगलिक दोष के कारण

    ग्रहों की स्थिति

    आप जब अपनी कुंडली देखते हैं, तो ग्रहों की स्थिति बहुत मायने रखती है। मांगलिक दोष तब बनता है जब मंगल ग्रह आपकी जन्मकुंडली के खास भावों में बैठा होता है।
    आइए, इसे आसान बिंदुओं में समझें:

    1. अगर मंगल ग्रह प्रथम (लग्न), चतुर्थ (घर-सुख), सप्तम (विवाह), अष्टम (आयु/ससुराल) या द्वादश (व्यय/शयन) भाव में हो, तो मांगलिक दोष बनता है।

    2. दक्षिण भारत में द्वितीय भाव (धन भाव) में मंगल की स्थिति को भी मांगलिक दोष माना जाता है।

    3. मंगल ग्रह को क्रूर और अग्नि तत्व प्रधान ग्रह कहा जाता है। इसकी उग्रता इन भावों में आने पर आपके वैवाहिक जीवन में संघर्ष, असंतोष और कलह ला सकती है।

    4. सातवें भाव में मंगल जीवनसाथी से मतभेद और झगड़े बढ़ा सकता है। आठवें भाव में यह वैवाहिक अस्थिरता या धन संबंधी विवाद का कारण बन सकता है। द्वादश भाव में मंगल दांपत्य सुख में कमी और तनाव ला सकता है।

    ध्यान रखें, मांगलिक दोष का असर हर व्यक्ति पर अलग-अलग हो सकता है। अगर मंगल शुभ ग्रहों के साथ हो या उसकी स्थिति मजबूत न हो, तो दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

    मंगल की दृष्टि

    मंगल ग्रह की दृष्टि भी मांगलिक दोष को प्रभावित करती है। आप जब कुंडली का विश्लेषण करवाते हैं, तो यह देखना जरूरी है कि मंगल किन भावों को देख रहा है।
    मंगल की दृष्टि से जुड़े मुख्य बिंदु:

    1. मंगल की चतुर्थ, सप्तम और अष्टम दृष्टि सबसे ज्यादा असर डालती है।

    2. अगर मंगल शुभ ग्रहों जैसे गुरु या शुक्र की दृष्टि में हो, तो मांगलिक दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

    3. मंगल की दृष्टि से विवाह में देरी, पारिवारिक कलह, स्वास्थ्य समस्याएं और आर्थिक नुकसान हो सकते हैं।

    4. अगर पति-पत्नी दोनों मांगलिक हों, तो दोष का असर काफी हद तक कम हो जाता है।

    मंगल की दृष्टि से बने दोष को आप ज्योतिषीय उपायों जैसे मांगलिक से विवाह, कुंभ विवाह, मंगल यंत्र पूजन आदि से कम कर सकते हैं। मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए ये उपाय बहुत कारगर माने जाते हैं।

    त्रिगुणात्मक प्रभाव

    मांगलिक दोष केवल मंगल की स्थिति या दृष्टि से ही नहीं, बल्कि त्रिगुणात्मक प्रभाव से भी बनता है।
    आपकी कुंडली में तीन तरह के लग्न देखे जाते हैं: जन्म लग्न, चंद्र लग्न और शुक्र लग्न। अगर इन तीनों में से किसी में भी मंगल उपरोक्त भावों में हो, तो मांगलिक दोष बन सकता है।

    • जन्म लग्न से मांगलिक दोष आपके स्वभाव और जीवन की दिशा को प्रभावित करता है।

    • चंद्र लग्न से मांगलिक दोष आपके मन, भावनाओं और मानसिक शांति पर असर डालता है।

    • शुक्र लग्न से मांगलिक दोष आपके वैवाहिक सुख और दांपत्य जीवन को प्रभावित करता है।

    त्रिगुणात्मक प्रभाव के कारण मांगलिक दोष की तीव्रता बढ़ या घट सकती है। आप जब कुंडली का विश्लेषण करवाते हैं, तो इन तीनों लग्नों को जरूर देखें। सही पहचान और उपाय से आप मांगलिक दोष से मुक्ति पा सकते हैं।

    मांगलिक दोष के प्रकार

    पूर्ण दोष

    आप जब अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाते हैं, तो पूर्ण मांगलिक दोष सबसे पहले सामने आता है। यह दोष तब बनता है जब मंगल ग्रह आपकी जन्मकुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में स्थित होता है। इन भावों में मंगल की उपस्थिति आपके वैवाहिक जीवन, स्वास्थ्य और पारिवारिक सुख को प्रभावित करती है।
    पूर्ण मांगलिक दोष की पहचान और विशेषताएं आप निम्नलिखित बिंदुओं से समझ सकते हैं:

    1. मंगल ग्रह अगर उपरोक्त भावों में हो, तो पूर्ण मांगलिक दोष बनता है।

    2. इस स्थिति में विवाह में बाधा, दांपत्य जीवन में तनाव और पारिवारिक कलह की संभावना बढ़ जाती है।

    3. आपको सलाह दी जाती है कि मंगल से जुड़े कार्य, जैसे हनुमान पूजा, मंगलवार व्रत, या मंगल मंत्र जाप नियमित रूप से करें।

    4. पूर्ण मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करने के लिए आप ज्योतिषीय उपायों का सहारा ले सकते हैं।

    पूर्ण मांगलिक दोष की स्थिति में आप अपने जीवनसाथी के साथ तालमेल बैठाने के लिए विशेष प्रयास करें। सही उपाय अपनाने से आप दोष के नकारात्मक प्रभाव को काफी हद तक कम कर सकते हैं।

    आंशिक दोष

    आंशिक मांगलिक दोष की स्थिति पूर्ण दोष से थोड़ी अलग होती है। जब मंगल ग्रह चंद्रमा के साथ या उसके सामने स्थित होता है, तो आंशिक मांगलिक दोष बनता है।
    इस दोष की पहचान और अंतर को आप इस प्रकार समझ सकते हैं:

    • आंशिक मांगलिक दोष में मंगल ग्रह की स्थिति चंद्रमा के समीप या सामने होती है।

    • इस स्थिति में दोष का प्रभाव हल्का होता है, लेकिन फिर भी वैवाहिक जीवन में कुछ समस्याएं आ सकती हैं।

    • आपको मंगल से जुड़े छोटे-छोटे उपाय, जैसे मंगलवार को लाल वस्त्र पहनना या लाल मसूर दाल का दान करना, लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

    • आंशिक मांगलिक दोष वाले जातकों को मंगल कार्य करते रहने की सलाह दी जाती है, जिससे दोष का असर कम हो सके।

    दोष का प्रकार

    मंगल की स्थिति

    प्रभाव का स्तर

    पूर्ण मांगलिक दोष

    1, 4, 7, 8, 12 भाव

    अधिक

    आंशिक मांगलिक दोष

    चंद्रमा के साथ या सामने

    मध्यम/हल्का

    आप अगर आंशिक मांगलिक दोष से प्रभावित हैं, तो नियमित मंगल पूजा और दान से जीवन में संतुलन ला सकते हैं।

    चंद्र मांगलिक दोष

    चंद्र मांगलिक दोष एक विशेष प्रकार का दोष है, जो चंद्रमा और मंगल की युति से बनता है।
    आपकी कुंडली में जब पहले, चौथे, सातवें, आठवें या दसवें भाव में चंद्रमा और मंगल एक साथ होते हैं, तो चंद्र मांगलिक दोष बनता है।
    इस दोष के लक्षण और प्रभाव आप निम्नलिखित बिंदुओं से जान सकते हैं:

    • चंद्र मांगलिक दोष वाले जातक अक्सर क्रोधी स्वभाव के होते हैं।

    • वैवाहिक जीवन में कलह, झगड़े और हिंसा की संभावना बढ़ जाती है।

    • दसवें भाव में अशुभ चंद्र-मंगल योग होने पर आप अनैतिक कार्यों की ओर आकर्षित हो सकते हैं, जिससे परिवार में धोखा और समाज में सम्मान की कमी आती है।

    • पहले भाव में अशुभ मंगल या चंद्र की युति से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं या अनैतिक धन कमाने की प्रवृत्ति हो सकती है।

    • ऐसे जातक जीवन में संघर्ष का सामना करते हैं, लेकिन चतुर और तेज दिमाग वाले भी होते हैं।

    • आपको सलाह दी जाती है कि मांगलिक व्यक्ति से विवाह करें, जिससे दोष का असर कम हो सके।

    चंद्र मांगलिक दोष के प्रभाव को कम करने के लिए आप नियमित पूजा, मंगल मंत्र जाप और सामाजिक सेवा जैसे उपाय अपनाएं। सही दिशा में प्रयास करने से आप अपने जीवन को संतुलित बना सकते हैं।

    दोहरा मांगलिक दोष

    आप जब अपनी कुंडली का विश्लेषण करवाते हैं, तो कभी-कभी आपको दोहरा मांगलिक दोष देखने को मिलता है। यह दोष सामान्य मांगलिक दोष से अधिक प्रभावशाली होता है। दोहरा मांगलिक दोष तब बनता है जब आपकी जन्मकुंडली में मंगल ग्रह दो अलग-अलग लग्नों में दोष पैदा करता है। आप इसे निम्नलिखित तरीके से समझ सकते हैं:

    • आपकी कुंडली में लग्न कुंडली और चंद्र कुंडली दोनों में मंगल ग्रह मांगलिक भावों (प्रथम, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम, द्वादश) में स्थित हो।

    • कभी-कभी शुक्र कुंडली में भी मंगल की स्थिति मांगलिक दोष को और बढ़ा देती है।

    • दोहरा मांगलिक दोष वाले जातकों को विवाह संबंधी समस्याएं अधिक आती हैं।

    आप अगर दोहरा मांगलिक दोष से प्रभावित हैं, तो आपको विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। यह दोष आपके वैवाहिक जीवन में तनाव, अस्थिरता और स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां ला सकता है।

    दोहरा मांगलिक दोष की पहचान कैसे करें?

    आप अपनी कुंडली में निम्नलिखित बिंदुओं को देखकर दोहरा मांगलिक दोष की पहचान कर सकते हैं:

    1. लग्न कुंडली में मंगल मांगलिक भावों में हो।

    2. चंद्र कुंडली में भी मंगल मांगलिक भावों में स्थित हो।

    3. दोनों कुंडलियों में मंगल की स्थिति एक जैसी हो या दोनों में दोष बन रहा हो।

    कुंडली का प्रकार

    मंगल की स्थिति

    दोष का स्तर

    लग्न कुंडली

    मांगलिक भावों में

    सामान्य

    चंद्र कुंडली

    मांगलिक भावों में

    सामान्य

    दोनों में

    मांगलिक भावों में

    दोहरा (अधिक)

    दोहरा मांगलिक दोष के प्रभाव

    आपको दोहरा मांगलिक दोष होने पर निम्नलिखित समस्याएं आ सकती हैं:

    • विवाह में अत्यधिक देरी या बार-बार बाधाएं

    • दांपत्य जीवन में लगातार कलह और तनाव

    • जीवनसाथी के स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर

    • पारिवारिक सुख में कमी और अस्थिरता

    आप अगर दोहरा मांगलिक दोष से प्रभावित हैं, तो आपको विवाह से पहले कुंडली मिलान जरूर करवाना चाहिए। दोनों वर-वधू की कुंडली में मांगलिक दोष होने पर दोष का असर कम हो जाता है।

    दोहरा मांगलिक दोष के लिए क्या करें?

    आप अपने जीवन में संतुलन लाने के लिए कुछ उपाय अपना सकते हैं:

    • हनुमान जी की पूजा करें और मंगलवार का व्रत रखें।

    • मंगल मंत्र का नियमित जाप करें।

    • मंगलनाथ मंदिर, उज्जैन में भात पूजन कराएं।

    • लाल वस्त्र, मसूर दाल, तांबा आदि का दान करें।

    • कुंभ विवाह या वटविवाह जैसे प्रतीकात्मक विवाह करवाएं।

    आप जब इन उपायों को अपनाते हैं, तो दोहरा मांगलिक दोष का प्रभाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। आपको अनुभवी ज्योतिषी से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

    टिप्स

    • आप अपनी कुंडली का विश्लेषण किसी योग्य ज्योतिषी से करवाएं।

    • विवाह से पहले दोनों पक्षों की कुंडली का मिलान करें।

    • उपायों को नियमित रूप से अपनाएं और सकारात्मक सोच रखें।

    😊 आप अगर दोहरा मांगलिक दोष से परेशान हैं, तो घबराएं नहीं। सही जानकारी और उपायों से आप अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं।

    मांगलिक दोष के प्रभाव

    वैवाहिक जीवन

    आप जब मांगलिक दोष की बात करते हैं, तो सबसे पहले इसका असर आपके वैवाहिक जीवन पर दिखाई देता है। कुंडली में मंगल ग्रह की विशेष स्थिति आपके दांपत्य जीवन में कई तरह की चुनौतियाँ ला सकती है।
    नीचे दी गई सूची में आप उन समस्याओं को देख सकते हैं, जो मांगलिक दोष के कारण अक्सर सामने आती हैं:

    • विवाह में देरी होना

    • वैवाहिक जीवन में कलह और विवाद

    • तलाक की संभावना

    • जीवन साथी की सेहत खराब होना

    • जीवन साथी की आयु पर नकारात्मक प्रभाव

    आप अगर इन समस्याओं का सामना कर रहे हैं, तो घबराएं नहीं। मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए कई उपाय उपलब्ध हैं, जिनसे आप अपने वैवाहिक जीवन में संतुलन ला सकते हैं।

    व्यक्तित्व

    मांगलिक दोष आपके स्वभाव और व्यक्तित्व पर भी असर डालता है। आप महसूस कर सकते हैं कि आपके अंदर अचानक गुस्सा आ जाता है या आप छोटी-छोटी बातों पर तनाव महसूस करते हैं।
    मांगलिक दोष के कारण आपके संबंध और सामाजिक जीवन भी प्रभावित हो सकते हैं।
    आप निम्नलिखित प्रभावों को अपने व्यवहार में देख सकते हैं:

    1. आप में आक्रामकता और तनाव बढ़ सकता है, जिससे आपके रिश्ते कमजोर हो सकते हैं।

    2. अगर आपकी कुंडली में एक से अधिक मांगलिक दोष हैं, तो वैवाहिक जीवन में गंभीर समस्याएँ आ सकती हैं, जैसे विवाह के बाद तनाव, कलह या अलगाव।

    3. यह दोष आपके करियर और व्यवसाय में भी बाधाएँ ला सकता है, जिससे अस्थिरता या असफलता का सामना करना पड़ सकता है।

    4. कभी-कभी आपको स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ भी हो सकती हैं, जैसे दुर्घटनाएँ, सर्जरी या गंभीर बीमारियाँ।

    आधुनिक ज्योतिष में मांगलिक दोष को अत्यधिक गंभीरता से नहीं लिया जाता। आप ज्योतिषीय उपायों और सकारात्मक सोच से इसके नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं।

    अन्य प्रभाव

    मांगलिक दोष का असर केवल विवाह या व्यक्तित्व तक सीमित नहीं रहता। आप अपने पारिवारिक और सामाजिक जीवन में भी इसके प्रभाव देख सकते हैं।
    नीचे एक टेबल दी गई है, जिसमें अन्य प्रमुख प्रभावों का उल्लेख है:

    प्रभाव का क्षेत्र

    संभावित समस्याएँ

    पारिवारिक संबंध

    तनाव, आपसी मतभेद

    आर्थिक स्थिति

    धन हानि, खर्चों में वृद्धि

    स्वास्थ्य

    चोट, दुर्घटना, ऑपरेशन

    सामाजिक प्रतिष्ठा

    सम्मान में कमी, विवाद

    आप अगर समय रहते उपाय अपनाते हैं, तो इन समस्याओं से बच सकते हैं। मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए नियमित पूजा, दान और सामाजिक सेवा जैसे उपाय बहुत कारगर माने जाते हैं। इससे आप अपने जीवन को संतुलित और सुखमय बना सकते हैं। 😊

    मांगलिक दोष से मुक्ति के अचूक उपाय

    हनुमान पूजा

    आप मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए सबसे पहले हनुमान जी की पूजा करें। मंगलवार के दिन व्रत रखकर हनुमान मंदिर जाएं।

    • सिंदूर और चमेली का तेल हनुमान जी को अर्पित करें।

    • हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करें।

    • जनेऊ, पान के पत्ते, गुड़ और चना का भोग लगाएं।

    कई प्रमाणित उदाहरण बताते हैं कि मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने, हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करने से मांगलिक दोष शांत होता है। विवाह से पहले इन विधियों का पालन करने से विवाह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।

    आप मंगल चंद्रिका स्तोत्र, माँ मंगला गौरी और कार्तिकेय जी की पूजा भी कर सकते हैं। शुक्ल पक्ष के मंगलवार को भगवान राम-सीता और हनुमान जी के चित्र की स्थापना कर सुंदरकांड का पाठ करना भी लाभकारी है।

    मंगलवार व्रत

    मंगलवार व्रत रखना मांगलिक दोष से मुक्ति का एक सरल और प्रभावी उपाय है।

    • मंगलवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और लाल रंग के कपड़े पहनें।

    • व्रत के दौरान नमक का सेवन न करें।

    • हनुमान जी को लाल पुष्प, सिंदूर में तेल मिलाकर चढ़ाएं, चना, गुड़, नारियल और लड्डू अर्पित करें।

    • हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करें और आरती करें।

    आप यह व्रत 21, 45 दिनों तक या जीवन भर भी रख सकते हैं। व्रत के अंतिम दिन विधिपूर्वक उद्यापन करें।

    मंगल दोष के निवारण के लिए मंगला गौरी और वट सावित्री के व्रत भी लाभकारी माने गए हैं। त्रयोदशी तिथि पर भौम प्रदोष व्रत और शिवजी, मंगलदेव तथा हनुमान जी की पूजा से भी मंगल दोष का प्रभाव धीरे-धीरे कम होता है।

    दान

    दान करना भी मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए अत्यंत शुभ उपाय है।

    • मंगलवार के दिन मंगल ग्रह से जुड़ी वस्तुएं जैसे लाल वस्त्र, मसूर की दाल, तांबा, गुड़, चना का दान करें।

    • दान करते समय सच्चे मन से मंगल दोष के निवारण की प्रार्थना करें।

    दान की वस्तु

    मांगलिक दोष पर प्रभाव

    गुड़

    धनलाभ और मनोवांछित फल प्राप्ति

    लाल वस्त्र

    कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति शुभ बनती है

    मसूर की दाल

    मंगल दोष के अशुभ प्रभाव कम होते हैं

    तांबा, चना

    मंगल ग्रह से संबंधित, दान करने से दोष कम होता है

    मंगल ग्रह से जुड़ी वस्तुओं का दान करने से मांगलिक दोष के प्रभाव में कमी आती है और जीवन में शुभता बढ़ती है।

    आप दान के साथ-साथ मंगल यंत्र की स्थापना या मंगल मंत्र जाप भी करें, जिससे दोष का असर और कम हो सके।

    कुंभ विवाह

    कुंभ विवाह एक पारंपरिक और प्रभावी उपाय है, जिसे आप मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए अपना सकते हैं। इस विधि में आप प्रतीकात्मक रूप से पहले एक मिट्टी के घड़े (कुंभ) से विवाह करते हैं।

    • आप या आपकी कुंडली में मांगलिक दोष वाले व्यक्ति को पहले कुंभ (मिट्टी का कलश) से विवाह कराना चाहिए।

    • विवाह की पूरी रस्में निभाने के बाद उस घड़े को बहते जल में प्रवाहित कर दें।

    कुंभ विवाह का उद्देश्य मांगलिक दोष के अशुभ प्रभाव को कम करना है। इस उपाय के बाद जब आप असली विवाह करते हैं, तो मांगलिक दोष का असर काफी हद तक कम हो जाता है।

    कई ज्योतिषाचार्य मानते हैं कि कुंभ विवाह के बाद वैवाहिक जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं। आप इस उपाय को अनुभवी पंडित या ज्योतिषी की देखरेख में ही करें।

    शिव पूजा

    शिव पूजा भी मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है।

    • आप सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करें।

    • शिवलिंग पर जल, दूध, शहद और बेलपत्र अर्पित करें।

    • महामृत्युंजय मंत्र या "ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।

    शिव पूजा से आपके जीवन में शांति और सकारात्मक ऊर्जा आती है।

    अविवाहित लड़कियां सोमवार का व्रत रखकर शिवलिंग की पूजा करें, तो उन्हें योग्य जीवनसाथी मिलता है। आप शिव मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक भी कर सकते हैं।

    शिव पूजा से न केवल मांगलिक दोष के प्रभाव कम होते हैं, बल्कि मानसिक शांति और पारिवारिक सुख भी बढ़ता है।

    रत्न और यंत्र

    रत्न और यंत्र धारण करना भी एक व्यावहारिक उपाय है, जिससे आप मांगलिक दोष से मुक्ति पा सकते हैं।

    • आप शुद्ध और प्रमाणित मूंगा (लाल कोरल) रत्न सोने या तांबे की अंगूठी में मंगलवार के दिन धारण करें।

    • तीन मुखी रुद्राक्ष पहनना भी लाभकारी है।

    • आप अपने घर में मंगल यंत्र की स्थापना करें और प्रतिदिन उसकी पूजा करें।

    उपाय

    विधि

    लाभ

    मूंगा रत्न

    मंगलवार को दाहिने हाथ की अनामिका में पहनें

    साहस, ऊर्जा और दोष में कमी

    तीन मुखी रुद्राक्ष

    गले या हाथ में धारण करें

    मानसिक शांति, क्रोध में कमी

    मंगल यंत्र

    घर में स्थापित कर नियमित पूजा करें

    मंगल दोष का शमन

    रत्न और यंत्र धारण करने से आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं।

    आप रत्न या यंत्र धारण करने से पहले योग्य ज्योतिषी से सलाह जरूर लें, ताकि आपको सही दिशा मिले और उपाय का पूरा लाभ मिल सके।

    विशिष्ट उपाय

    आप मांगलिक दोष से मुक्ति के लिए कुछ खास और कम प्रचलित उपाय भी आजमा सकते हैं। ये उपाय सरल हैं, लेकिन इनका प्रभाव गहरा होता है।

    • सफेद सुरमा: आप 43 दिन तक लगातार सफेद सुरमा आंखों में लगाएं। यह उपाय मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करता है।

    • नीम का पौधा लगाना: आप अपने घर के पास नीम का पौधा लगाएं और 43 दिन तक उसकी देखभाल करें। नीम शुद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक है।

    • मीठा शरबत पिलाना: आप घर आए मेहमानों को मीठा शरबत पिलाएं। यह उपाय आपके घर में मंगल ग्रह की शांति लाता है।

    • बंदरों को गुड़-चना खिलाना: मंगलवार के दिन बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं। यह उपाय मांगलिक दोष से मुक्ति में मदद करता है।

    • सुंदरकांड का पाठ: आप हर मंगलवार सुंदरकांड का पाठ करें। इससे मानसिक शांति मिलती है और मंगल दोष शांत होता है।

    आप इन उपायों को नियमित रूप से अपनाएं। इनसे आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आएंगे और मांगलिक दोष के कारण आने वाली बाधाएं दूर होंगी।

    मंगल मंत्र जाप

    मंगल मंत्र जाप एक अत्यंत प्रभावशाली उपाय है। आप नियमित रूप से मंगल मंत्रों का जाप करें, जिससे मंगल ग्रह की अशुभता कम होती है और जीवन में सुख-शांति आती है।

    • आप "ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।

    • "ॐ अं अंगारकाय नमः" और "ॐ मंगलाय नमः" मंत्र भी लाभकारी हैं।

    • आप जाप के लिए लाल आसन पर बैठें और लाल चंदन की माला का उपयोग करें।

    मंत्र

    जाप संख्या

    लाभ

    ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः

    108

    मांगलिक दोष से मुक्ति, ऊर्जा

    ॐ अं अंगारकाय नमः

    108

    क्रोध में कमी, मानसिक शांति

    ॐ मंगलाय नमः

    108

    वैवाहिक जीवन में संतुलन

    आप मंत्र जाप के समय मन को शांत रखें और पूरी श्रद्धा से करें। मंत्र जाप से न केवल मांगलिक दोष से मुक्ति मिलती है, बल्कि आत्मविश्वास और साहस भी बढ़ता है।

    उज्जैन भात पूजन

    उज्जैन का मंगलनाथ मंदिर मांगलिक दोष निवारण के लिए प्रसिद्ध है। आप यहां भात पूजन कराकर दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं।

    • आप उज्जैन स्थित मंगलनाथ मंदिर में जाकर विशेष भात पूजन कराएं।

    • इस पूजन में पंडित के निर्देशन में भात (चावल) और अन्य सामग्री अर्पित की जाती है।

    • पूजन के बाद भात को मंदिर परिसर में बांट दिया जाता है।

    उज्जैन भात पूजन को मांगलिक दोष से मुक्ति का सबसे प्रभावशाली उपाय माना जाता है। कई लोग इस उपाय के बाद अपने वैवाहिक जीवन में सुख-शांति का अनुभव करते हैं।

    आप यह पूजन किसी योग्य पंडित की देखरेख में ही कराएं। उज्जैन भात पूजन के साथ-साथ आप अन्य उपाय भी अपनाएं, जिससे दोष का असर पूरी तरह से कम हो सके।

    सामाजिक सेवा

    आप सामाजिक सेवा को अपने जीवन में शामिल करते हैं, तो मांगलिक दोष के प्रभाव को कम कर सकते हैं। जब आप दूसरों की मदद करते हैं, तो आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है। यह ऊर्जा आपके ग्रहों की स्थिति को संतुलित करती है। आप मांगलिक दोष से मुक्ति पाने के लिए निम्नलिखित सामाजिक कार्य कर सकते हैं:

    • आप मंगलवार के दिन मंदिर में गरीबों को भोजन या मिठाई बांटें।

    • आप चिड़ियों को दाना डालें और बंदरों को गुड़-चना खिलाएं।

    • आप रक्तदान करें। यह मंगल ग्रह की अशुभता को कम करता है।

    • आप जरूरतमंद बच्चों को किताबें और कपड़े दें।

    • आप वृद्धाश्रम या अनाथालय में सेवा करें।

    जब आप समाज के लिए कुछ अच्छा करते हैं, तो आपके जीवन में मंगल ग्रह की सकारात्मकता बढ़ती है। आप सुंदरकांड का पाठ करके भी मानसिक शांति पा सकते हैं। आप मंदिर में बूंदी के लड्डू बांटें। यह उपाय आपके वैवाहिक जीवन में सुख-शांति लाता है।

    नीचे एक तालिका दी गई है, जिसमें सामाजिक सेवा के प्रमुख उपाय और उनके लाभ बताए गए हैं:

    सामाजिक सेवा का उपाय

    लाभ

    गरीबों को भोजन देना

    मंगल दोष का प्रभाव कम होता है

    चिड़ियों को दाना डालना

    मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा

    बंदरों को गुड़-चना खिलाना

    मंगल ग्रह की अशुभता में कमी

    रक्तदान करना

    स्वास्थ्य और ग्रहों की स्थिति में सुधार

    मंदिर में मिठाई बांटना

    वैवाहिक जीवन में सुख-शांति

    आप जब नियमित रूप से सामाजिक सेवा करते हैं, तो आपके जीवन में मांगलिक दोष से मुक्ति का मार्ग खुलता है। आप अपने व्यवहार में बदलाव महसूस करते हैं। आपके रिश्ते मजबूत होते हैं और समाज में सम्मान बढ़ता है। 😊

    मांगलिक दोष: मिथक और सच्चाई

    आम भ्रांतियां

    आप जब मांगलिक दोष के बारे में सुनते हैं, तो कई तरह की भ्रांतियां आपके मन में घर कर लेती हैं। समाज में यह धारणा बहुत प्रचलित है कि मांगलिक दोष वाले व्यक्ति का विवाह अमांगलिक से हो जाए तो जीवन में भयानक परिणाम आ सकते हैं, जैसे जीवनसाथी की मृत्यु या गंभीर दुर्घटना। इसी डर के कारण कई बार मांगलिक लोगों का विवाह देर से होता है या रिश्ते टूट जाते हैं।

    आपको यह समझना जरूरी है कि मांगलिक दोष का डर अक्सर अज्ञानता और गलतफहमी से पैदा होता है। सही जानकारी से आप इन मिथकों को दूर कर सकते हैं।

    नीचे कुछ आम भ्रांतियों की सूची दी गई है, जिनसे आपको सावधान रहना चाहिए:

    • मांगलिक दोष हमेशा वैवाहिक समस्याओं का कारण बनता है।

    • मांगलिक व्यक्ति असंगत या दुर्भाग्यशाली होते हैं।

    • केवल मंगल ग्रह की स्थिति देखकर ही विवाह का निर्णय लेना चाहिए।

    • मांगलिक दोष का कोई समाधान नहीं है।

    • मांगलिक दोष जीवनभर बना रहता है।

    भ्रांति

    सच्चाई

    मांगलिक दोष घातक है

    सही उपायों से दोष का असर कम किया जा सकता है

    मांगलिक विवाह न करें

    दोनों पक्ष मांगलिक हों तो दोष निष्क्रिय हो जाता है

    दोष हमेशा रहता है

    उम्र, ग्रह स्थिति और उपायों से दोष कम हो सकता है

    आप जब पूरी कुंडली का विश्लेषण करवाते हैं, तो आपको पता चलता है कि मांगलिक दोष की तीव्रता अलग-अलग हो सकती है। कई बार यह नाममात्र का होता है और उपायों से संतुलित हो जाता है।

    वैज्ञानिक दृष्टिकोण

    अगर आप मांगलिक दोष को वैज्ञानिक नजरिए से देखें, तो आपको कई नई बातें समझ में आती हैं।
    वैज्ञानिक दृष्टिकोण कहता है कि मांगलिक दोष केवल मंगल ग्रह की स्थिति पर निर्भर नहीं करता। आपको पूरी कुंडली, अन्य ग्रहों की स्थिति, नवांश कुंडली और दशा-अंतर्दशा का समग्र विश्लेषण करना चाहिए।

    1. मांगलिक दोष कोई शाप या आजीवन दोष नहीं है। यह ज्योतिषीय प्रभावों का एक पहलू है, जिसे सही जानकारी और उपायों से संतुलित किया जा सकता है।

    2. कई बार मांगलिक दोष बहुत हल्का होता है और इसका असर नगण्य रहता है।

    3. अगर दोनों वर-वधू की कुंडली में मांगलिक दोष है, तो यह दोष निष्क्रिय हो जाता है।

    4. गुरु, शुक्र या चंद्रमा जैसे शुभ ग्रहों की मजबूत स्थिति मांगलिक दोष के प्रभाव को कम कर सकती है।

    5. नवांश (D-9) कुंडली का विश्लेषण भी जरूरी है। केवल जन्म कुंडली में मंगल की स्थिति देखना पर्याप्त नहीं है।

    6. आप देख सकते हैं कि कई खुशहाल विवाहित जोड़े मांगलिक होते हुए भी सुखी जीवन जी रहे हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि मांगलिक दोष का डर केवल अंधविश्वास है।

    7. सामाजिक दृष्टिकोण में मांगलिक दोष कई बार भय और भ्रम का कारण बनता है, जबकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण में इसे तार्किक और विश्लेषणात्मक तरीके से समझना चाहिए।

    8. अगर आप विशेषज्ञ की सलाह लेकर उचित उपाय करते हैं, तो मांगलिक दोष के प्रभावों को संतुलित किया जा सकता है।

    आपको हमेशा याद रखना चाहिए कि मांगलिक दोष कोई अभिशाप नहीं है। सही जानकारी, सकारात्मक सोच और अनुभवी ज्योतिषी की सलाह से आप अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं।

    🌟 आप जब तार्किक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाते हैं, तो मांगलिक दोष से जुड़ी भ्रांतियां खुद-ब-खुद दूर हो जाती हैं।

    ज्योतिषीय सलाह

    कुंडली विश्लेषण

    आप जब मांगलिक दोष की पहचान करना चाहते हैं, तो कुंडली विश्लेषण सबसे जरूरी कदम है। सही विश्लेषण से आप अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों को पहले ही समझ सकते हैं।
    कुंडली विश्लेषण के दौरान आप निम्नलिखित चरणों का पालन करें:

    1. जन्म कुंडली बनवाएं और उसमें मंगल ग्रह की स्थिति देखें।

    2. अगर मंगल ग्रह 1, 4, 7, 8 या 12वें भाव में है, तो मांगलिक दोष माना जाता है।

    3. आप किसी अनुभवी ज्योतिषी से कुंडली का विश्लेषण कराकर दोष की पुष्टि करें।

    4. गंभीर मांगलिक दोष तब माना जाता है जब मंगल ग्रह 2, 4, 7, 8 या 12वें भाव में हो।

    आप जब कुंडली का विश्लेषण करवाते हैं, तो आपको अपने जीवन के हर पहलू की जानकारी मिलती है। सही भाव में मंगल की स्थिति जानकर आप समय रहते उपाय कर सकते हैं।

    कुंडली विश्लेषण से आप यह भी जान सकते हैं कि दोष कितना गंभीर है और कौन-सा उपाय आपके लिए सबसे उपयुक्त रहेगा। आप अपने विवाह, करियर और स्वास्थ्य संबंधी फैसलों में भी स्पष्टता पा सकते हैं।

    नीचे एक तालिका दी गई है, जिससे आप मांगलिक दोष की पहचान और भावों की स्थिति को आसानी से समझ सकते हैं:

    भाव का नाम

    मांगलिक दोष की स्थिति

    प्रथम (लग्न)

    दोष बनता है

    चतुर्थ

    दोष बनता है

    सप्तम

    दोष बनता है

    अष्टम

    दोष बनता है

    द्वादश

    दोष बनता है

    द्वितीय

    गंभीर दोष

    विशेषज्ञ से परामर्श

    आप जब मांगलिक दोष के समाधान की बात करते हैं, तो विशेषज्ञ से परामर्श लेना सबसे बुद्धिमानी भरा कदम है। अनुभवी ज्योतिषी या पंडित आपकी कुंडली का गहराई से विश्लेषण करते हैं और आपको सही दिशा दिखाते हैं।
    विशेषज्ञ से परामर्श लेने के कई लाभ हैं:

    • विशेषज्ञ ज्योतिषी से कुंडली मिलान करवाने से आप मांगलिक दोष के दुष्परिणामों से बच सकते हैं।

    • अनुभवी पंडित से पूजा करवाने पर दोष के प्रभाव स्थायी रूप से समाप्त हो सकते हैं।

    • विशेषज्ञ आपको सही उपाय सुझाते हैं, जैसे कुंभ विवाह, हनुमान उपासना, मंगलवार के दान आदि।

    • आप जब विशेषज्ञ की सलाह लेते हैं, तो आपको दोष के दुष्प्रभावों से बचाव, सही और प्रभावी उपायों का चयन, और स्थायी समाधान मिलता है।

    आप मांगलिक दोष की पूजा किसी विद्वान और अनुभवी पंडित से ही करवाएं। उज्जैन के मंगलनाथ मंदिर में पूजा करने से मांगलिक दोष के दुष्प्रभाव स्थायी रूप से समाप्त हो जाते हैं। अनुभवी पंडितों के द्वारा पूजा करवाने से आपके सभी कार्यों में सफलता मिलती है और दोष के प्रभाव कम होते हैं।

    आप जब विशेषज्ञ से परामर्श लेते हैं, तो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। सही सलाह और उपायों से आप अपने वैवाहिक, पारिवारिक और व्यक्तिगत जीवन को संतुलित बना सकते हैं।

    😊 आप मांगलिक दोष से परेशान हैं, तो विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। इससे आप अपने जीवन को सुखमय और सफल बना सकते हैं।

    • आपने जाना कि मांगलिक दोष क्या है, इसके कारण, प्रकार और प्रभाव क्या हैं।

    • आप हनुमान पूजा, मंगलवार व्रत, दान, कुंभ विवाह, शिव पूजा, रत्न-यंत्र, मंगल मंत्र जाप जैसे उपाय आजमा सकते हैं।

    • सामाजिक सेवा और उज्जैन भात पूजन भी लाभकारी हैं।

    📝 नोट: आप किसी भी उपाय को अपनाने से पहले अनुभवी ज्योतिषी से सलाह जरूर लें। सही मार्गदर्शन से आप अपने जीवन में सुख, शांति और संतुलन ला सकते हैं। सकारात्मक सोच रखें, समाधान हमेशा संभव है!

    FAQ

    मांगलिक दोष क्या है?

    मांगलिक दोष तब बनता है जब आपकी कुंडली में मंगल ग्रह विशेष भावों में स्थित होता है। यह दोष आपके विवाह, स्वभाव और पारिवारिक जीवन को प्रभावित कर सकता है। आप सही उपाय अपनाकर इसके प्रभाव को कम कर सकते हैं।

    क्या मांगलिक दोष हमेशा जीवनभर रहता है?

    नहीं, मांगलिक दोष हमेशा जीवनभर नहीं रहता। उम्र बढ़ने, ग्रहों की स्थिति बदलने या सही उपाय करने से इसका असर कम हो जाता है। आप अनुभवी ज्योतिषी से सलाह लें।

    क्या मांगलिक दोष का कोई वैज्ञानिक आधार है?

    वैज्ञानिक दृष्टिकोण से मांगलिक दोष का कोई ठोस प्रमाण नहीं है। यह ज्योतिषीय मान्यता है। आप इसे ज्योतिषीय उपायों से संतुलित कर सकते हैं, लेकिन वैज्ञानिक रूप से इसे सिद्ध नहीं किया गया है।

    क्या दोनों मांगलिक व्यक्ति आपस में विवाह कर सकते हैं?

    हाँ, अगर आप दोनों मांगलिक हैं, तो दोष का असर लगभग समाप्त हो जाता है। आप कुंडली मिलान जरूर करवाएं। इससे वैवाहिक जीवन में संतुलन बना रहता है।

    मांगलिक दोष दूर करने के लिए सबसे सरल उपाय क्या है?

    आप मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करें, लाल वस्त्र पहनें और मसूर दाल का दान करें। यह उपाय सरल और प्रभावी है। आप नियमित मंगल मंत्र जाप भी कर सकते हैं।

    क्या मांगलिक दोष केवल विवाह को प्रभावित करता है?

    नहीं, मांगलिक दोष आपके स्वभाव, स्वास्थ्य और पारिवारिक संबंधों को भी प्रभावित कर सकता है। आप समय रहते उपाय करें, तो इन समस्याओं से बच सकते हैं।

    क्या बिना उपाय के मांगलिक दोष का असर कम हो सकता है?

    कभी-कभी गुरु या शुभ ग्रहों की दृष्टि, उम्र बढ़ने या दोनों पक्षों के मांगलिक होने पर दोष का असर अपने आप कम हो जाता है। फिर भी, आप उपाय जरूर करें

    क्या मांगलिक दोष के लिए रत्न पहनना जरूरी है?

    रत्न पहनना एक उपाय है, लेकिन जरूरी नहीं। आप मूंगा रत्न पहन सकते हैं, पर पहले योग्य ज्योतिषी से सलाह लें। हर व्यक्ति के लिए उपाय अलग हो सकता है।

    यह सभी देखें

    सरकारी नौकरी और धन के लिए कुंडली योग समाधान

    शादी के लिए सही गुण और कुंडली मिलान कैसे करें

    काल सर्प योग के लक्षण, प्रकार और पूजा के तरीके

    सूर्य देव की पूजा घर पर जल अर्पण करने का तरीका

    शनि दोष से विवाह में देरी के कारण और उपाय