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    घर पर सूर्य देव को जल चढ़ाने का सही तरीका और पूजा विधि

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    Ak Mishra
    ·January 17, 2025
    ·13 min read
    घर पर सूर्य देव को जल चढ़ाने का सही तरीका और पूजा विधि

    सूर्य देव को जल चढ़ाना धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह आत्मा का कारक है और आपके मन को बेहतर कार्य करने की प्रेरणा देता है। सुबह सूर्य देव के दर्शन से शरीर में स्फूर्ति आती है और भाग्य में सुधार होता है। नियमित पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। रविवार को विधिवत पूजा करने से आयु और तेज में वृद्धि होती है।

    यदि कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर हो, तो ज्योतिष के अनुसार जल चढ़ाने और दान करने से उसकी स्थिति सुधरती है। यह आपके व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाता है और सम्मान दिलाता है। घर पर सूर्य देव की पूजा आराधना कैसे करें? यह जानना आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

    घर पर सूर्य देव की पूजा आराधना कैसे करें?

    घर पर सूर्य देव की पूजा आराधना कैसे करें?

    सुबह जल्दी उठकर स्नान करना

    सूर्य देव की पूजा आरंभ करने के लिए सुबह जल्दी उठना आवश्यक है। हिंदू धर्म में सुबह 4:00 से 5:00 बजे के बीच स्नान करने को ब्रह्म स्नान कहा जाता है। इस समय स्नान करने से विशेष आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं। यह समय शुद्ध और शांत होता है, जिससे मन और शरीर दोनों को शांति मिलती है। स्नान के दौरान मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। यह प्रक्रिया न केवल आपको शारीरिक रूप से शुद्ध करती है, बल्कि मानसिक रूप से भी तैयार करती है।

    तांबे के लोटे में जल भरना

    सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करना सबसे उपयुक्त माना गया है।

    • तांबे का लोटा पवित्रता और ऊर्जा का प्रतीक है।

    • इसमें जल भरकर उगते हुए सूर्य को अर्पित करना शुभ होता है।

    • जल में लाल रोली, लाल फूल और अक्षत (चावल) मिलाना चाहिए। यह सामग्री सूर्य देव को प्रसन्न करने में सहायक होती है।
      तांबे के लोटे से जल चढ़ाने से सूर्य की किरणें जल के माध्यम से आपके शरीर पर पड़ती हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं।

    जल में लाल रोली, फूल और अक्षत मिलाना

    जल में लाल रोली, फूल और अक्षत मिलाने का विशेष महत्व है। लाल रंग ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है। फूल और अक्षत पवित्रता और समर्पण को दर्शाते हैं। यह सामग्री सूर्य देव को प्रसन्न करती है और उनकी कृपा प्राप्त करने में मदद करती है।

    'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप

    सूर्य देव को जल चढ़ाते समय 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करना चाहिए। यह मंत्र अत्यंत प्रभावशाली है और इसके कई लाभ हैं:

    • यह मंत्र सूर्य देव की कृपा प्राप्त करने में सहायक है।

    • जीवन की बाधाओं को दूर करने और मानसिक शांति प्राप्त करने में मदद करता है।

    • यह आपके धैर्य और सकारात्मक सोच को बढ़ाता है।

    • स्वास्थ्य में सुधार और रोगों से मुक्ति दिलाने में सहायक होता है।
      मंत्र का जाप करते समय मन को शांत और एकाग्र रखें। इससे पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

    घर पर सूर्य देव की पूजा आराधना कैसे करें? यह जानने के बाद आप इसे नियमित रूप से अपनाकर अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं।

    पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल चढ़ाना

    सूर्य देव को जल चढ़ाने के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करना आवश्यक है। पूर्व दिशा को शुभ और ऊर्जा का स्रोत माना गया है। जब आप सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं, तो सूर्य की किरणें आपके शरीर पर पड़ती हैं। यह प्रक्रिया आपके स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए लाभकारी होती है।

    जल चढ़ाते समय तांबे के लोटे का उपयोग करें। लोटे को धीरे-धीरे ऊपर उठाते हुए जल अर्पित करें। ध्यान रखें कि जल की धारा टूटे नहीं। यह प्रक्रिया सूर्य देव के प्रति आपकी श्रद्धा और समर्पण को दर्शाती है। जल चढ़ाते समय 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करें। यह मंत्र आपके मन को एकाग्र करता है और पूजा को अधिक प्रभावशाली बनाता है।

    आपको यह भी ध्यान रखना चाहिए कि जल चढ़ाते समय जल आपके पैरों में न गिरे। यह पूजा की पवित्रता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। शांत और एकाग्र मन से पूजा करें। इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

    पूजा के बाद आरती से समापन

    पूजा के बाद आरती करना अनिवार्य है। आरती पूजा का समापन करती है और इसे पूर्णता प्रदान करती है। आरती करते समय दीपक जलाएं और सूर्य देव के समक्ष घुमाएं। यह प्रक्रिया आपके मन और आत्मा को शुद्ध करती है।

    आरती का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है:

    • आरती से भक्तों का आत्म बल बढ़ता है।

    • इसे करने से हजारों यज्ञों के समान अक्षय फल प्राप्त होता है।

    • देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और आपकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

    आरती के दौरान सूर्य देव की स्तुति करें। यह आपके मन को शांति और सकारात्मकता प्रदान करता है। आरती के बाद प्रसाद वितरित करें। यह पूजा का अंतिम चरण है और इसे पूर्णता प्रदान करता है।

    घर पर सूर्य देव की पूजा आराधना कैसे करें? यह जानने के बाद आप इसे सही विधि से करें। इससे आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आएगी।

    सूर्य देव की पूजा के नियम और सावधानियां

    पूजा के लिए लाल वस्त्र पहनना

    सूर्य देव की पूजा करते समय लाल वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। लाल रंग का धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व है। यह ऊर्जा, शक्ति और आत्मविश्वास का प्रतीक है। सूर्य देव को यह रंग अत्यंत प्रिय है। जब आप लाल वस्त्र पहनकर पूजा करते हैं, तो यह आपके समर्पण और श्रद्धा को दर्शाता है। यह रंग सूर्य देव की कृपा पाने में सहायक होता है। इसलिए, पूजा के दौरान लाल वस्त्र पहनने का प्रयास करें।

    टिप: यदि लाल वस्त्र उपलब्ध न हो, तो साफ और हल्के रंग के वस्त्र पहनें।

    जूते-चप्पल उतारकर पूजा करना

    पूजा करते समय जूते-चप्पल उतारना आवश्यक है। यह न केवल धार्मिक परंपरा है, बल्कि इसके पीछे कई आध्यात्मिक कारण भी हैं:

    • धार्मिक स्थलों और पूजा स्थलों का अपना एक विशेष ऑरा होता है। जूते उतारने से आप उस पवित्र ऑरा के संपर्क में आते हैं।

    • जूते-चप्पल नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। इन्हें उतारने से आप नकारात्मकता से बचते हैं।

    • यह मानसिक शांति प्राप्त करने और ईश्वर के प्रति समर्पण को दर्शाने का एक तरीका है।

    • जूते-चप्पल उतारने से अमीर-गरीब का भेद मिटता है। यह सामूहिक आस्था और समानता का प्रतीक है।

    आप जब भी सूर्य देव की पूजा करें, जूते-चप्पल उतारकर ही पूजा स्थल में प्रवेश करें। यह आपकी श्रद्धा और पूजा की पवित्रता को बनाए रखता है।

    जल चढ़ाते समय ध्यान रखना

    सूर्य देव को जल चढ़ाते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। यह पूजा को अधिक प्रभावशाली बनाता है और आपकी श्रद्धा को दर्शाता है।

    जल पैरों में न गिरे

    जल चढ़ाते समय यह सुनिश्चित करें कि जल आपके पैरों में न गिरे। यह पूजा की पवित्रता बनाए रखने के लिए आवश्यक है। तांबे के पात्र का उपयोग करें और जल को धीरे-धीरे अर्पित करें।

    शांत और एकाग्र मन से पूजा करना

    पूजा के दौरान आपका मन शांत और एकाग्र होना चाहिए। पूर्व दिशा की ओर मुख करके 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप करें। यह मंत्र आपके मन को एकाग्र करता है और पूजा को अधिक प्रभावशाली बनाता है।

    नोट: जल चढ़ाते समय सूर्य की किरणें आपके शरीर पर पड़ती हैं। यह प्रक्रिया आपके स्वास्थ्य और मानसिक शांति के लिए लाभकारी होती है।

    नमक और मांस-मदिरा का त्याग करना

    सूर्य देव की पूजा करते समय नमक और मांस-मदिरा का त्याग करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह नियम न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि स्वास्थ्य और मानसिक शुद्धता के लिए भी लाभकारी है।

    नमक का त्याग क्यों करें?

    नमक को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है। पूजा के दौरान तामसिक भोजन से बचना आवश्यक है। यह आपके मन और शरीर को शुद्ध रखने में मदद करता है। नमक का त्याग करने से आपकी एकाग्रता बढ़ती है और पूजा का प्रभाव अधिक होता है।

    टिप: पूजा वाले दिन भोजन में सेंधा नमक का उपयोग करें। यह सात्विक और पवित्र माना जाता है।

    मांस और मदिरा का त्याग क्यों आवश्यक है?

    मांस और मदिरा का सेवन आपके मन और शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है। यह आपकी ऊर्जा को कम करता है और पूजा के दौरान एकाग्रता में बाधा उत्पन्न करता है।

    • मांसाहार को तामसिक भोजन माना गया है। यह आपके मन को अशांत करता है।

    • मदिरा का सेवन आपकी सोचने की क्षमता को प्रभावित करता है। यह पूजा के पवित्र वातावरण को दूषित करता है।

      नोट: यदि आप नियमित रूप से मांस-मदिरा का सेवन करते हैं, तो पूजा वाले दिन इसका त्याग अवश्य करें।

    सात्विक जीवनशैली अपनाने के लाभ

    सात्विक जीवनशैली अपनाने से आपका मन शांत रहता है। यह आपके विचारों को सकारात्मक बनाता है। सूर्य देव की पूजा के दौरान सात्विक आहार और आचरण से आप उनकी कृपा जल्दी प्राप्त कर सकते हैं।

    • सात्विक भोजन से शरीर में ऊर्जा का संचार होता है।

    • यह आपके मन को शुद्ध और एकाग्र बनाता है।

    • पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

    आप जब भी सूर्य देव की पूजा करें, नमक और मांस-मदिरा का त्याग अवश्य करें। यह न केवल पूजा की पवित्रता बनाए रखता है, बल्कि आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाता है।

    सूर्य देव के मंत्र और आरती

    सूर्य देव के मंत्र और आरती

    प्रमुख मंत्र

    सूर्य देव की पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है। इन मंत्रों का नियमित जाप आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकता है।

    'ॐ सूर्याय नमः'

    यह मंत्र सूर्य देव को समर्पित है। इसका जाप करने से आप मानसिक शांति और आत्मविश्वास प्राप्त कर सकते हैं। यह मंत्र आपके जीवन से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

    'ॐ घृणि सूर्याय नमः'

    इस मंत्र का उच्चारण आपके स्वास्थ्य और समृद्धि को बढ़ाता है। यह आंखों की रोशनी में सुधार करता है और बुद्धि तथा ज्ञान प्रदान करता है।

    सूर्य मंत्रों के लाभ:

    • स्वास्थ्य और मानसिक शांति में सुधार।

    • रोगों से मुक्ति और आत्मविश्वास में वृद्धि।

    • सकारात्मक ऊर्जा का संचार।

    • मानसिक संकटों को दूर करने में सहायक।

    आप इन मंत्रों का जाप सुबह सूर्य को जल चढ़ाते समय करें। यह आपकी पूजा को अधिक प्रभावशाली बनाता है।

    सूर्य देव की आरती

    आरती के बोल और महत्व

    सूर्य देव की आरती आपके पूजा अनुष्ठान को पूर्णता प्रदान करती है। आरती के बोल इस प्रकार हैं:

    • ॐ जय सूर्य भगवान जय हो दिनकर भगवान।

    • भूचर जलचर खेचर, सबके हों प्राण तुम्हीं। सब जीवों के प्राण तुम्हीं।।

    • वेद-पुराण बखाने, धर्म सभी तुम्हें माने। तुम ही सर्वशक्तिमान।।

    • पूजन करतीं दिशाएं, पूजे दश दिक्पाल। तुम भुवनों के प्रतिपाल।।

    • ऋतुएं तुम्हारी दासी, तुम शाश्वत अविनाशी। शुभकारी अंशुमान।।

    आरती का महत्व:

    • सुख-समृद्धि और धन-संपदा की प्राप्ति।

    • सूर्य देव के प्रति श्रद्धा और आस्था को व्यक्त करना।

    • हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करना।

    • जीवन में ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार।

    आप आरती के दौरान दीपक जलाएं और सूर्य देव के समक्ष घुमाएं। यह प्रक्रिया आपके मन और आत्मा को शुद्ध करती है। आरती के बाद प्रसाद वितरित करें। इससे सूर्य देव की कृपा प्राप्त होती है।

    सूर्य देव की पूजा के लाभ

    स्वास्थ्य लाभ

    मानसिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा

    सूर्य देव की पूजा से आपका मन शांत और सकारात्मक बनता है। नियमित रूप से सूर्य मंत्रों का उच्चारण करने से जीवन में अंधकार दूर होता है। यह आपके अशांत मन को स्थिरता प्रदान करता है।

    • सूर्य देव को ऊर्जा और जीवन शक्ति का स्रोत माना जाता है।

    • उनकी कृपा से आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं।

    • सूर्य को अर्घ्य देना शुभ माना जाता है।

    सूर्य देव की पूजा से बल और बुद्धि प्राप्त होती है। यह आपके तेज और यश को बढ़ाने में सहायक है। जब आप सुबह सूर्य को जल अर्पित करते हैं, तो उनकी किरणें आपके शरीर पर पड़ती हैं। यह प्रक्रिया आपके स्वास्थ्य को बेहतर बनाती है और मानसिक शांति प्रदान करती है।

    समृद्धि और सफलता

    सूर्य देव की पूजा से आप जीवन में समृद्धि और सफलता प्राप्त कर सकते हैं। उनकी कृपा से आपको मान-सम्मान मिलता है। हर क्षेत्र में सफलता पाने के लिए सूर्य देव की पूजा अत्यंत लाभकारी है।

    • नियमित रूप से अर्घ्य देने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

    • सूर्य देव की पूजा से जीवनशक्ति और मानसिक शांति मिलती है।

    • उगते हुए सूर्य को देखना शुभ माना जाता है।

    1. रविवार के दिन सूर्य देव का व्रत रखने से आपकी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।

    2. सूर्य देव की पूजा से समाज में आपका मान-सम्मान बढ़ता है।

    3. यह पूजा आपके आत्मविश्वास और स्वास्थ्य में वृद्धि करती है।

    ज्योतिष के अनुसार, सूर्य को ग्रहों का राजा माना गया है। यदि आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत है, तो आपको समाज में उन्नति और सफलता मिलती है।

    कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति सुधारना

    सूर्य देव की पूजा से आप अपनी कुंडली में सूर्य ग्रह की स्थिति को सुधार सकते हैं। यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है, तो यह आपके जीवन में बाधाएं उत्पन्न कर सकता है। सूर्य को जल चढ़ाने और उनकी पूजा करने से यह समस्या दूर हो सकती है।

    • सूर्य देव की कृपा से आपके व्यक्तित्व में निखार आता है।

    • यह पूजा आपके आत्मविश्वास को बढ़ाती है।

    • कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होने से आपको स्वास्थ्य, यश और सफलता प्राप्त होती है।

    आप जब भी सूर्य देव की पूजा करें, इसे श्रद्धा और समर्पण के साथ करें। इससे आपके जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का संचार होगा।

    सूर्य देव की पूजा आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती है। यह आत्मविश्वास बढ़ाती है और पर्सनैलिटी में निखार लाती है। नियमित पूजा से आपको पैतृक संपत्ति का लाभ और पिता का सुख प्राप्त होता है।

    • आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।

    • तेज और यश में बढ़ोतरी होती है।

    • शरीर के रोग स्वतः ठीक होते हैं।

    आपको सुबह उगते सूर्य को प्रणाम करना चाहिए। स्नान के बाद अर्घ्य देने से दिनभर सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है। शिक्षा और सफलता के लिए सूर्य उपासना सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। 🌞

    नोट: सूर्य देव की पूजा से न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि यह आपके जीवन में समृद्धि और ऊर्जा का संचार भी करती है। इसे नियमित रूप से अपनाएं और अपने जीवन को बेहतर बनाएं।

    FAQ

    1. सूर्य देव को जल चढ़ाने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

    सुबह सूर्योदय के समय जल चढ़ाना सबसे शुभ माना जाता है। इस समय सूर्य की किरणें शरीर पर पड़ती हैं, जो सकारात्मक ऊर्जा और स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती हैं।

    2. क्या सूर्य देव की पूजा के लिए विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है?

    हाँ, तांबे का लोटा, जल, लाल रोली, लाल फूल, और अक्षत आवश्यक हैं। यह सामग्री सूर्य देव को प्रसन्न करने में सहायक होती है।

    3. क्या सूर्य देव की पूजा केवल रविवार को करनी चाहिए?

    नहीं, आप सूर्य देव की पूजा प्रतिदिन कर सकते हैं। हालांकि, रविवार का दिन विशेष रूप से शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा करने से अधिक लाभ मिलता है।

    4. क्या सूर्य देव की पूजा के दौरान कोई विशेष नियम का पालन करना चाहिए?

    जी हाँ, पूजा के दौरान लाल वस्त्र पहनें, जूते-चप्पल उतारें, और शांत मन से पूजा करें। नमक और मांस-मदिरा का त्याग करना भी आवश्यक है।

    5. सूर्य मंत्र का जाप कितनी बार करना चाहिए?

    आप 'ॐ सूर्याय नमः' मंत्र का जाप कम से कम 11 बार करें। अधिक लाभ के लिए इसे 108 बार भी जप सकते हैं।

    टिप: पूजा के दौरान श्रद्धा और समर्पण बनाए रखें। इससे सूर्य देव की कृपा शीघ्र प्राप्त होती है।

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    घर पर श्री सत्यनारायण पूजा करने की सरल प्रक्रिया